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Thursday, June 1, 2017

कैसे करें चंद्र नमस्कार चंद्र नमस्कार के लाभ yoga tips

JUSTGOYAAR.COM सूर्य नमस्कार आसन के बारे में आपको तो पता ही होगा। अब हम बात कर रहे हैं चंद्र नमस्कार के बारे में। यह आसन इंसान को उर्जा देता है। चंद्र नमस्कार को केवल पंद्रह से दस मिनट तक करने से इंसान को कई तरह के फायदे मिलते हैं जैसे शरीर में उर्जा का आना, कल्पनाशक्ति का बढ़ना, शंाति देना और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनता है ये आसन।
कैसे करें चंद्र नमस्कार
ओम् चंद्राय नम:
इस आसान को करने से पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। और अपने हाथों को उपर की ओर उठालें। शरीर का सारा हिस्सा पीछे की ओर झुका लें। और अपने दोनांे हाथों को आसमान की ओर खोल दें।
ओम् सोमाय नम:
चंद्र आसन का दूसरा चरण में आप अपने हाथों और कमर को समाने की तरफ झुकाते हुए पैरी की तरफ ले जाएं। और सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें। ध्यान रहे घुटने मुड़े ना
ओम् इन्द्रेव नम:
तीसरे चरण में आब आप बांए पैर को पीछे की तरफ ले जाकर उसे सीधे रखें। अब घुटने से दांए पैर को मोड़ते हुए अपने शरीर का भार दाएं पैर पर रख दें। और अपने हाथों को दाएं पैर की ओर ही रखें।
ओम् निशाकराय नम:
यह चंद्र आसन का चौथा चरण है। बाएं पैर के घुटने से जमीने को छूएं। और पैर को 90 डिग्री के कोण में रखें। इसके बाद अपने हाथों को उठाते हुए कमर के उपरी भाग को पीछे की तरफ झुकाएं।
ओम् कलाभृताय नम:
बाएं पैर पर आप अपने शरीर का सारा वजन डाल दें। और दांए पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को अपने पंजों के परस में रखें।
ओम् सुधाधराय नम:
इस स्थिति में बांए पैर पर अधिक वजन दें और एैसे खड़ें रह जाएं कि दांए पैर का घुटना जमीन से स्पर्श कराएं। और आपने हाथों को उपर की ओर उठाएं।
ओम् निशापतये नम:
दोनों हाथों को जमीन पर रखें। और कमर के उपरी भाग को जितना हो उतना ही उपर उठा सकें। आप इसे पांच बारी तक कर सकते हो।
ओम् शिवशेखराय नम:
दोनों घुटनों को जमीन पर टिका लें। और अपने सिर को जमीन पर के साथ स्पर्श करा लें और अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख दें।
ओम् अमृतदिधित्ये नम:
इस चरण में दोनों घुटनों को जमीन पर रखें और अपने सिर को हल्का सा पीछे की तरफ झुकाकर अपने हाथों को उपर की ओर रखें।
अब शरीर के सारे वजन को घुटनों व एड़ियों पर रखें।
ओम् तमोध्यानाम नम:
चंद्र आसन के इस चरण में अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें, इस आसन में हाथों और पंजों के बल बैठें और घुटनों को जमीन से उपर उठा लीजिए।
ओम् राजराजाय नम:
इस चरण में पैर के दोनों पंजों पर वजन देकर बैठने की कोशिश करें। और जमीन से अपने हाथों को स्पर्श कराएं।
ओम् शशांक देवाय नम:
सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते की मुद्रा में रहें।
चंद्र नमस्कार की सावधानियां
इस आसन की कुछ सावधानियां है
जिन लोगों को कमर में दर्द या कमर की हड्डी टूटी हुई हो वे इस आसन को ना करें।
गर्भवति महिला भी इस योग को ना करें।
इस आसन को धीरे धीरे करें।

चक्रासन करने की विधि और लाभ yoga tips

जब हम चक्रासन करते हैं तब हमारा शरीर एक चक्र या एक पहिये के सामान हो जाता हैं इसलिए हम इसे चक्रासन कहते हैं। इसे हम वील पोज के नाम से भी जानते हैं। चक्रासन धनुरासन के बिल्कुल विपरीत होता है। यही कारण है कि हम इसे उर्ध्व धनुरासन के नाम से भी जानते हैं। चक्रासन को किस प्रकार किया जाता है आइये जानते हैं

चक्रासन करने की विधि

1. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक साफ़, शांत, और समतल स्थान पर दरी या चटाई को बिछा लें।
2. इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं इस तरह जमीन पर लेटने की स्तिथि को शवासन के नाम से भी जाना जाता है।
3. अपने दोनों पैरों को मोड़ लें और अपने पैरों की एडियों को अपने नित्म्भों के पास लेकर जाने की कोशिश करें।
4. ऐसा करने के बाद अपने दोनों घुटनों को धीरे धीरे खड़ा करने का प्रयास करें और साथ ही अपने पैरों के तलवों को जमीन पर अच्छी तरह से जमा लें।
5. जब आप इस आसन को कर रहें होते हैं तब अपने पैरों में कम से कम एक से डेढ़ फुट की दुरी बना कर रखें।
6. अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के दोनों ओर अच्छे  से जमा लें।
7. फिर अपने शरीर को थोड़ा ढीला छोड़ दें और फिर गहरी साँस लें।
8. फिर अपनी कमर को जमीन से धीरे धीरे ऊपर की ओर उठाएं और अपने शरीर को एक चक्र के समान गोल करने की कोशिश करें।
9. जब आप चक्रासन की स्थिति में आ जाते हो तो कम से कम 15 से 20 सेकंड तक आवश्य रुकें, ऐसा करने के बाद धीरे धीरे जमीन की ओर अपनी कमर ले आये और शवासन की अवस्था में आ जाएं और अपने शरीर को थोडा आराम दें ।

चक्रासन के लाभ

चक्रासन करने से हमारे शरीर को जो लाभ प्राप्त होते हैं वो इस प्रकार से हैं
1. इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
2. शरीर लचीला बनता है।
3. जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारी कमर दर्द, पीठ का दर्द ठीक हो जाती है।
4. इससे सिर दर्द तथा थकान खत्म हो जाती है।
5. चक्रासन शरीर की पाचन प्रणाली के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसको करने से हमारे शरीर का पाचन तन्त्र ठीक ढंग से काम करता है।
6. इस आसन को रोजाना करने से शरीर की सभी हड्डियां मजबूत होती है।
7. चक्रासन को करने से पेट का मोटापा कम हो जाता है ।
8. इससे पेट में कब्ज और बदहजमी की समस्या ठीक हो जाती है ।
9. चक्रासन को करने से मानव के शरीर की लम्बाई बढ़ने लगती है।
चक्रासन की सावधानियां
1.इस आसन को एक दम से करने का प्रयास कभी भी नहीं करना चाहिए।
2.इसके साथ यदि आप गर्भवती हो तब भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
3.जिन लोगों ह्रदय रोग, चक्कर आते हो, नेत्र रोग, हर्निया की समस्या हो उन्हें इस आसन से दुरी बना कर रखनी चाहिए।
4.जिन लोगों का कुछ समय पहले आपरेशन हुआ हो तो इस आसन को करने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं करना चाहिए।

Saturday, May 27, 2017

सूर्य नमस्कार क्या है |What is Surya Namaskar in hindi justgoyaar

सूर्य नमस्कार प्रातःकाल खाली पेट करना उचित होता है। आइए अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के इन सरल और प्रभावी आसनों को आरंभ करें।
प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में १२ आसनों के दो क्रम होते हैं I १२ योग आसन सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूर्ण करते हैं| सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वो ही क्रम दोहराना होता है, अपितु केवल दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होगा (नीचे चौथे और नवें पद में इसका विवरण दिया गया है)| सूर्य नमस्कार के विभिन्न प्रारूप पाए जाते हैं, हालाँकि बेहतर यही है कि किसी एक ही प्रारूप का अनुसरण करें और उसी के नियमित अभ्यास से उत्तम परिणाम पाएँ।
अच्छे स्वास्थ्य के अतिरिक्त सूर्य नमस्कार धरती पर जीवन के संरक्षण के लिए हमें सूर्य के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी देता है। अगले 10 दिनों के लिए अपना दिन, मन में सूर्य की ऊर्जा के प्रति आभार और कृपा का भाव रखकर प्रारंभ करें।
१२ सूर्य नमस्कार और दूसरे योग आसनों (Yoga asana) को करने पश्चात योग निद्रा में पूर्ण विश्राम अवश्य करें। आप पाएँगे कि यह आपके चुस्त दुरुस्त, प्रसन्न और शांत रहने का मंत्र बन गया है; एक मंत्र जिस का प्रभाव दिन भर आप के साथ रहेगा I सूर्य नमस्कार – एक पूर्ण यौगिक व्यायाम| 

सूर्य नमस्कार के १२ आसन | 12 Steps of Surya Namaskar in Hindi:

  1. प्रणाम आसन | Prayer pose
  2. हस्तउत्तानासन |Raised Arms pose
  3. हस्तपाद आसन |Hand to Foot pose
  4. अश्व संचालन आसन | Equestrian pose
  5. दंडासन |Dandasana (Stick pose)
  6. अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
  7. भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose)
  8. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  9. अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  10. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  11. हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  12. ताड़ासन | Tadasana