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सूर्य नमस्कार आसन के बारे में आपको तो पता ही होगा। अब हम बात कर रहे हैं चंद्र नमस्कार के बारे में। यह आसन इंसान को उर्जा देता है। चंद्र नमस्कार को केवल पंद्रह से दस मिनट तक करने से इंसान को कई तरह के फायदे मिलते हैं जैसे शरीर में उर्जा का आना, कल्पनाशक्ति का बढ़ना, शंाति देना और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनता है ये आसन।
कैसे करें चंद्र नमस्कार
ओम् चंद्राय नम:
इस आसान को करने से पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। और अपने हाथों को उपर की ओर उठालें। शरीर का सारा हिस्सा पीछे की ओर झुका लें। और अपने दोनांे हाथों को आसमान की ओर खोल दें।
ओम् चंद्राय नम:
इस आसान को करने से पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। और अपने हाथों को उपर की ओर उठालें। शरीर का सारा हिस्सा पीछे की ओर झुका लें। और अपने दोनांे हाथों को आसमान की ओर खोल दें।
ओम् सोमाय नम:
चंद्र आसन का दूसरा चरण में आप अपने हाथों और कमर को समाने की तरफ झुकाते हुए पैरी की तरफ ले जाएं। और सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें। ध्यान रहे घुटने मुड़े ना
चंद्र आसन का दूसरा चरण में आप अपने हाथों और कमर को समाने की तरफ झुकाते हुए पैरी की तरफ ले जाएं। और सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें। ध्यान रहे घुटने मुड़े ना
ओम् इन्द्रेव नम:
तीसरे चरण में आब आप बांए पैर को पीछे की तरफ ले जाकर उसे सीधे रखें। अब घुटने से दांए पैर को मोड़ते हुए अपने शरीर का भार दाएं पैर पर रख दें। और अपने हाथों को दाएं पैर की ओर ही रखें।
तीसरे चरण में आब आप बांए पैर को पीछे की तरफ ले जाकर उसे सीधे रखें। अब घुटने से दांए पैर को मोड़ते हुए अपने शरीर का भार दाएं पैर पर रख दें। और अपने हाथों को दाएं पैर की ओर ही रखें।
ओम् निशाकराय नम:
यह चंद्र आसन का चौथा चरण है। बाएं पैर के घुटने से जमीने को छूएं। और पैर को 90 डिग्री के कोण में रखें। इसके बाद अपने हाथों को उठाते हुए कमर के उपरी भाग को पीछे की तरफ झुकाएं।
यह चंद्र आसन का चौथा चरण है। बाएं पैर के घुटने से जमीने को छूएं। और पैर को 90 डिग्री के कोण में रखें। इसके बाद अपने हाथों को उठाते हुए कमर के उपरी भाग को पीछे की तरफ झुकाएं।
ओम् कलाभृताय नम:
बाएं पैर पर आप अपने शरीर का सारा वजन डाल दें। और दांए पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को अपने पंजों के परस में रखें।
बाएं पैर पर आप अपने शरीर का सारा वजन डाल दें। और दांए पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को अपने पंजों के परस में रखें।
ओम् सुधाधराय नम:
इस स्थिति में बांए पैर पर अधिक वजन दें और एैसे खड़ें रह जाएं कि दांए पैर का घुटना जमीन से स्पर्श कराएं। और आपने हाथों को उपर की ओर उठाएं।
ओम् निशापतये नम:
दोनों हाथों को जमीन पर रखें। और कमर के उपरी भाग को जितना हो उतना ही उपर उठा सकें। आप इसे पांच बारी तक कर सकते हो।
इस स्थिति में बांए पैर पर अधिक वजन दें और एैसे खड़ें रह जाएं कि दांए पैर का घुटना जमीन से स्पर्श कराएं। और आपने हाथों को उपर की ओर उठाएं।
ओम् निशापतये नम:
दोनों हाथों को जमीन पर रखें। और कमर के उपरी भाग को जितना हो उतना ही उपर उठा सकें। आप इसे पांच बारी तक कर सकते हो।
ओम् शिवशेखराय नम:
दोनों घुटनों को जमीन पर टिका लें। और अपने सिर को जमीन पर के साथ स्पर्श करा लें और अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख दें।
दोनों घुटनों को जमीन पर टिका लें। और अपने सिर को जमीन पर के साथ स्पर्श करा लें और अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख दें।
ओम् अमृतदिधित्ये नम:
इस चरण में दोनों घुटनों को जमीन पर रखें और अपने सिर को हल्का सा पीछे की तरफ झुकाकर अपने हाथों को उपर की ओर रखें।
अब शरीर के सारे वजन को घुटनों व एड़ियों पर रखें।
इस चरण में दोनों घुटनों को जमीन पर रखें और अपने सिर को हल्का सा पीछे की तरफ झुकाकर अपने हाथों को उपर की ओर रखें।
अब शरीर के सारे वजन को घुटनों व एड़ियों पर रखें।
ओम् तमोध्यानाम नम:
चंद्र आसन के इस चरण में अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें, इस आसन में हाथों और पंजों के बल बैठें और घुटनों को जमीन से उपर उठा लीजिए।
चंद्र आसन के इस चरण में अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें, इस आसन में हाथों और पंजों के बल बैठें और घुटनों को जमीन से उपर उठा लीजिए।
ओम् राजराजाय नम:
इस चरण में पैर के दोनों पंजों पर वजन देकर बैठने की कोशिश करें। और जमीन से अपने हाथों को स्पर्श कराएं।
इस चरण में पैर के दोनों पंजों पर वजन देकर बैठने की कोशिश करें। और जमीन से अपने हाथों को स्पर्श कराएं।
ओम् शशांक देवाय नम:
सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते की मुद्रा में रहें।
सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते की मुद्रा में रहें।
चंद्र नमस्कार की सावधानियां
इस आसन की कुछ सावधानियां है
जिन लोगों को कमर में दर्द या कमर की हड्डी टूटी हुई हो वे इस आसन को ना करें।
गर्भवति महिला भी इस योग को ना करें।
इस आसन को धीरे धीरे करें।
इस आसन की कुछ सावधानियां है
जिन लोगों को कमर में दर्द या कमर की हड्डी टूटी हुई हो वे इस आसन को ना करें।
गर्भवति महिला भी इस योग को ना करें।
इस आसन को धीरे धीरे करें।