Thursday, June 1, 2017

कैसे करें चंद्र नमस्कार चंद्र नमस्कार के लाभ yoga tips

JUSTGOYAAR.COM सूर्य नमस्कार आसन के बारे में आपको तो पता ही होगा। अब हम बात कर रहे हैं चंद्र नमस्कार के बारे में। यह आसन इंसान को उर्जा देता है। चंद्र नमस्कार को केवल पंद्रह से दस मिनट तक करने से इंसान को कई तरह के फायदे मिलते हैं जैसे शरीर में उर्जा का आना, कल्पनाशक्ति का बढ़ना, शंाति देना और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनता है ये आसन।
कैसे करें चंद्र नमस्कार
ओम् चंद्राय नम:
इस आसान को करने से पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। और अपने हाथों को उपर की ओर उठालें। शरीर का सारा हिस्सा पीछे की ओर झुका लें। और अपने दोनांे हाथों को आसमान की ओर खोल दें।
ओम् सोमाय नम:
चंद्र आसन का दूसरा चरण में आप अपने हाथों और कमर को समाने की तरफ झुकाते हुए पैरी की तरफ ले जाएं। और सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें। ध्यान रहे घुटने मुड़े ना
ओम् इन्द्रेव नम:
तीसरे चरण में आब आप बांए पैर को पीछे की तरफ ले जाकर उसे सीधे रखें। अब घुटने से दांए पैर को मोड़ते हुए अपने शरीर का भार दाएं पैर पर रख दें। और अपने हाथों को दाएं पैर की ओर ही रखें।
ओम् निशाकराय नम:
यह चंद्र आसन का चौथा चरण है। बाएं पैर के घुटने से जमीने को छूएं। और पैर को 90 डिग्री के कोण में रखें। इसके बाद अपने हाथों को उठाते हुए कमर के उपरी भाग को पीछे की तरफ झुकाएं।
ओम् कलाभृताय नम:
बाएं पैर पर आप अपने शरीर का सारा वजन डाल दें। और दांए पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को अपने पंजों के परस में रखें।
ओम् सुधाधराय नम:
इस स्थिति में बांए पैर पर अधिक वजन दें और एैसे खड़ें रह जाएं कि दांए पैर का घुटना जमीन से स्पर्श कराएं। और आपने हाथों को उपर की ओर उठाएं।
ओम् निशापतये नम:
दोनों हाथों को जमीन पर रखें। और कमर के उपरी भाग को जितना हो उतना ही उपर उठा सकें। आप इसे पांच बारी तक कर सकते हो।
ओम् शिवशेखराय नम:
दोनों घुटनों को जमीन पर टिका लें। और अपने सिर को जमीन पर के साथ स्पर्श करा लें और अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख दें।
ओम् अमृतदिधित्ये नम:
इस चरण में दोनों घुटनों को जमीन पर रखें और अपने सिर को हल्का सा पीछे की तरफ झुकाकर अपने हाथों को उपर की ओर रखें।
अब शरीर के सारे वजन को घुटनों व एड़ियों पर रखें।
ओम् तमोध्यानाम नम:
चंद्र आसन के इस चरण में अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें, इस आसन में हाथों और पंजों के बल बैठें और घुटनों को जमीन से उपर उठा लीजिए।
ओम् राजराजाय नम:
इस चरण में पैर के दोनों पंजों पर वजन देकर बैठने की कोशिश करें। और जमीन से अपने हाथों को स्पर्श कराएं।
ओम् शशांक देवाय नम:
सीधे खड़े हो जाएं और नमस्ते की मुद्रा में रहें।
चंद्र नमस्कार की सावधानियां
इस आसन की कुछ सावधानियां है
जिन लोगों को कमर में दर्द या कमर की हड्डी टूटी हुई हो वे इस आसन को ना करें।
गर्भवति महिला भी इस योग को ना करें।
इस आसन को धीरे धीरे करें।

चक्रासन करने की विधि और लाभ yoga tips

जब हम चक्रासन करते हैं तब हमारा शरीर एक चक्र या एक पहिये के सामान हो जाता हैं इसलिए हम इसे चक्रासन कहते हैं। इसे हम वील पोज के नाम से भी जानते हैं। चक्रासन धनुरासन के बिल्कुल विपरीत होता है। यही कारण है कि हम इसे उर्ध्व धनुरासन के नाम से भी जानते हैं। चक्रासन को किस प्रकार किया जाता है आइये जानते हैं

चक्रासन करने की विधि

1. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक साफ़, शांत, और समतल स्थान पर दरी या चटाई को बिछा लें।
2. इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं इस तरह जमीन पर लेटने की स्तिथि को शवासन के नाम से भी जाना जाता है।
3. अपने दोनों पैरों को मोड़ लें और अपने पैरों की एडियों को अपने नित्म्भों के पास लेकर जाने की कोशिश करें।
4. ऐसा करने के बाद अपने दोनों घुटनों को धीरे धीरे खड़ा करने का प्रयास करें और साथ ही अपने पैरों के तलवों को जमीन पर अच्छी तरह से जमा लें।
5. जब आप इस आसन को कर रहें होते हैं तब अपने पैरों में कम से कम एक से डेढ़ फुट की दुरी बना कर रखें।
6. अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के दोनों ओर अच्छे  से जमा लें।
7. फिर अपने शरीर को थोड़ा ढीला छोड़ दें और फिर गहरी साँस लें।
8. फिर अपनी कमर को जमीन से धीरे धीरे ऊपर की ओर उठाएं और अपने शरीर को एक चक्र के समान गोल करने की कोशिश करें।
9. जब आप चक्रासन की स्थिति में आ जाते हो तो कम से कम 15 से 20 सेकंड तक आवश्य रुकें, ऐसा करने के बाद धीरे धीरे जमीन की ओर अपनी कमर ले आये और शवासन की अवस्था में आ जाएं और अपने शरीर को थोडा आराम दें ।

चक्रासन के लाभ

चक्रासन करने से हमारे शरीर को जो लाभ प्राप्त होते हैं वो इस प्रकार से हैं
1. इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
2. शरीर लचीला बनता है।
3. जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारी कमर दर्द, पीठ का दर्द ठीक हो जाती है।
4. इससे सिर दर्द तथा थकान खत्म हो जाती है।
5. चक्रासन शरीर की पाचन प्रणाली के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसको करने से हमारे शरीर का पाचन तन्त्र ठीक ढंग से काम करता है।
6. इस आसन को रोजाना करने से शरीर की सभी हड्डियां मजबूत होती है।
7. चक्रासन को करने से पेट का मोटापा कम हो जाता है ।
8. इससे पेट में कब्ज और बदहजमी की समस्या ठीक हो जाती है ।
9. चक्रासन को करने से मानव के शरीर की लम्बाई बढ़ने लगती है।
चक्रासन की सावधानियां
1.इस आसन को एक दम से करने का प्रयास कभी भी नहीं करना चाहिए।
2.इसके साथ यदि आप गर्भवती हो तब भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
3.जिन लोगों ह्रदय रोग, चक्कर आते हो, नेत्र रोग, हर्निया की समस्या हो उन्हें इस आसन से दुरी बना कर रखनी चाहिए।
4.जिन लोगों का कुछ समय पहले आपरेशन हुआ हो तो इस आसन को करने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं करना चाहिए।

काजू बादाम खाने के नुकसान ayurved tips


इस बात को सुनकर शायद आपको थोड़ा अटपटा लगे। लेकिन काजू बादाम खाना भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि यदि आप किसी भी चीज की अति करते हो तो वह आपकी सेहत पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है।
हर चीज की सीमा होती है जब इंसान उससे अधिक यानि अति करता है तो वह सेहत पर बुरा असर डालती है।
अभी तक लोगों में यह धारणा बनी हुई है कि बादाम, किसमिस और काजू को खाने से ताकत आती है। लेकिन अब ये एक भूल साबित हो रही है। क्योंकि शरीर को ड्राई फ्रूट कि जितनी जरूरत होती है वह उतनी ही मात्रा में इसे ग्रहण करता है। लेकिन जब
आप ड्राय फ्रूट का सेवन अधिक करने लगते हो तब यही ड्राय फ्रूट आपके शरीर का संतुलन बिगाड़ देते हैं। वैदिक वाटिका आपको बता रही है बादाम या काजू खाने के नुकसान के बारे में
ये हैं ड्राय फ्रूट के नुकसान
चर्बी को बढ़ाता है
जब आप ड्राय फ्रूट को खाते हैं तो इससे आपकी कमर के आस पास चर्बी जमने लगती है। काजू और बादाम में कई प्रकार के तत्व होते हैं जो वजन बढ़ाने का काम करते हंै। इसलिए आप ड्राय फ्रूट का सेवन एक सीमित मात्रा में करें। फिर आपको इससे कोई
नुकसान नहीं होगा।
पेट की समस्याएं
कई बार एैसा होता है कि लोग जाने अनजाने में ये सोचकर ड्राय फ्रूट्स का सेवन अधिक करने लगते हैं कि इससे उनका शरीर मजबूत और ताकतवर बनेगा। लेकिन यह एक गलत अवधारणा है। जब आप अधिक ड्राय फ्रूट्स खाते हो तब पेट में यह कब्ज, और गैस को बनाने लगते हैं। यही नहीं इससे आपको डायरिया और पेट की बीमारियां भी लग सकती हैं।
पेट दर्द की शिकायत भी हो सकती है।
सिर में भारीपन आना
जब आप ड्राय फ्रूट का अधिक सेवन करते हो तो इससे दिमागी की नसों में गरमी आती है और हमारा सिर भारी होने लगता है। यही नहीं हमे ठीक तरह से नींद भी नहीं आती है।
मुंह की समस्याएं
जब इंसान काजू बादाम या फिर अन्य किस्म के सूखे मेवे खाता है तब उसके दांतों में यह जम जाता है। और आसानी से बाहर नहीं आता है। इससे मुंह से संबंधित समस्याएं जैसे
मुंह की बदबू, मुंह में संक्रमण होना और दांतों में पीलापन आदि हो सकती हैं।
मधुमेह में
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या रहती हो वे भी ड्राय फ्रूटस का सेवन अधिक ना करें।
काजू बादाम खाने के नुकसान इसलिए जानने जरूरी हैं ताकि आप इनके उतने फायदे ले पाएं जितना आपके शरीर को इनकी जरूरत है।

तिल खाने के फायदे hindi tips


दोस्तों सर्दियों के आते ही ठंड से बचने के लिए आप कई कपड़े पहनते हैं। इससे आपकी केवल बाहर की ठंड बचती है। यदि आप सर्दियों में अंदर की ठंड से बचना चाहते हैं तो तिलों का सेवन करना शुरू कर दें। आप तिलों का सेवन गुड़ के साथ उसका लड्डू बनाकर भी कर सकते हो। कैसे बनता है तिल का लड्डू हमने आपको पहले ही हेल्थ रेस्पी में बताया गया है आप इस लिंक को जरूर देखें। 
हम आपको बता रहे हैं तिलो से आपकी सेहत को क्या—क्या फायदे मिल सकते हैं। दोस्तों तिल हमारे शरीर को कई भंयकर बीमारियों जैसे ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लंग कैंसर, पेट के कैंसर और ल्यूकेमिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाता है।
अब आपको बताते हैं तिल खाने के फायदों के बारे में।
तिल खाने के फायदे
खांसी और कान के दर्द में
यदि आपके कान में दर्द हो रहा हो तो आप लहसुन के साथ तिल के तेल को गर्म करें और फिर गुनगुने होने पर इसकी थोड़ी से बूंद कान में डालें। इससे आपको कान दर्द में आराम मिलेगा।
पानी के साथ तिल और मिश्री को मिलाकर खाने से आपको खांसी से राहत मिलती है।
दांतों की सेहत के लिए
दांतांे की कमजोरी व दांतों की समस्या में तिल बहुत ही फायदेमंद होते हैं। यदि आप सर्दियों में सुबह शाम तिलों को चबा चबा कर खाते हैं तो इससे आपके दांत स्वस्थ रहेगें और दांतांे की कैल्शियम की समस्या भी दूर हो जाएगी।
कब्ज की परेशानी में
कब्ज की परेशानी से कई बीमारियां होती है। इनमे से एक रोग है बवासीर। यदि आप काले तिलों को चबा चबाकर खाएं और बाद में ठंडा पानी पीएं तो इससे आपको बवासीर और कब्ज जैसी समस्या से निजात मिलेगा।
त्वचा के जलने पर तिल
यदि किसी कारण से आपकी त्वचा जल जाती है तो आप कपूर या घी के साथ तिल के तेल के साथ मिलाकर त्वचा लगाएं। इससे आग से जली हुई त्वचा में जलन खत्म हो जाती है।
त्वचा की सुंदरता और पोषण के लिए
तिल त्वचा को कोमल और सुंदर बनाता है। यही नहीं तिल चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाता है। इसलिए आप तिल के तेल का प्रयोग अपने खाने में करें। यही नहीं आप त्वचा पर भी तिल का तेल लगा सकते हैं। इससे त्वचा को पोषण और नमी मिलती है।
बालों की सेहत के लिए
यदि आप लंबे, धने और मजबूत बाल चाहते हैं तो ऐसे में तिल आपकी मदद करते हैं। यदि आप अपने बालों को खुले रखना चाहते हैं जिससे वे मुड़े भी नहीं तो बालों पर तिलों का तेल लगाएं।
यदि आप सफेद बालों की समस्या से परेशान हंै तो रोज थोड़ी मात्रा में तिलों का सेवन करें।
कुछ की दिनों में आपके बाल सफेद होना बंद हो
जाएगें।
बनाए हड्डियों को मजबूत
हड्डियों का कमजोर होना एक आम बात हो गई है। हर उम्र के लोग कमजोर हड्डियों की समस्या से परेशान रहते हैं। जिसकी कई वजह होती हैं जैसे शरीर में कैल्शियम की कमी होना, उचित ढंग से खाना ना खाना आदि। यदि आप तिल का सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद गुण आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ साथ उसका विकास भी करते हैं।

टेंशन को करे कम
भागदौड़ वाली इसे जिंदगी में तनाव भी एक आम समस्या बन गई है। हर इंसान तनाव में रहता है। ऐसे में तिल आपके लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। तिल तनाव और उससे होने
वाले डिप्रेशन की बीमारी से आपको बचाते हैं। तिलों में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो दिमाग में बेवजह परेशान करने वाले करकों को रोक देते हैं।

काली खांसी का वैदिक घरेलू उपचार ayurveda tips in hindi

 काली खांसी एक भंयकर रोग है। कई नामों से जानी जाती है काली खांसी जैसे इसे कूकर खांसी भी बोलते हैं। यह संक्रामक और भंयकर रोग है। इस खांसी से बच्चों से लेकर बड़े भी प्रभावित हो सकते हैं। एक इंसान से दूसरे इंसान में यह हवा के संक्रमण के जरिए फैल जाती है। काली खांसी होने पर शरीर पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे खांसी का तेज होना और उसका बढ़ना।
काली खांसी के लक्षण
हल्का बुखार आना
सुबह और रात में खांसी को बढ़ना
खांसने पर हूप हूप वाली आवाज आना
आंखों को लाल हो जाना
उल्टी का आना। आदि
काली खांसी का वैदिक घरेलू उपचार
तुलसी और काली मिर्च का प्रयोग
आप बराबर मात्रा में काली मिर्च के दानें और तलुसी के पत्तों को लें और इन्हंे पीसकर इनका पेस्ट बना लें और इनकी छोट-छोटी गोलियां बना लीजिए। अब दिन में तीन बार इन गोलियों का सेवन करें। इस अचूक घरेलू उपाय से आपकी काली खांसी दूर हो जाएगी।
नारियल का तेल का प्रयोग
नारियल के घरेलू उपाय से भी आप कुकर यानि काली खांसी से निजात पा सकते हो। आप नारियल का तेल लें जो शुद्ध हो उसकी चार ग्राम की मात्रा दिन में चार बार आपको सेवन करना है। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित करने से कुकर खांसी दूर हो जाएगी।
मूली और गन्ना का घरेलू उपाय
काली खांसी पर प्रभावी रूप से काम करता है गन्ना और मूली का रस। काली खांसी दूर करने के लिए आप 60 ग्राम गन्ने और 60 ग्राम कच्ची
मूली के रस का सेवन करें। आपको कुछ ही दिनों में इसका परिणाम दिख जाएगें।

बहुत ही छोटी मात्रा में यानि चने की दाल के आकार रूप में फिटकरी को लें और इसे दिन में तीन बार गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।
बादाम का प्रयोग
बादाम में बहुत ताकत होती है जो सीधे काली खांसी के प्रभाव को खत्म कर देती है।
पांच बादाम रात के समय में पानी में
भिगों लें और सुबह के समय में इन बादामों को छील कर इसे मिश्री और लहुसन की एक कली के साथ पीस लें। अब आप इसका सेवन नियमित रूप से कुछ दिनों तक करें।
लौंग का औषधिय प्रयोग
आप घर मे ंलौंग तो रखते ही हैं। लौंग के जोड़े को भूने और फिर इसका सेवन शहद के साथ दिन में दो बार करें। इसे अचूक हेल्थ टिप्स से आपको कुकर खांसी से जल्दी ही राहत मिल जाएगी।

लहसुन हमारी सेहत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि का काम करता है। लहसुन के रस की पांच बूदें और शहद की पांच बूदें एक गिलास पानी मे मिला लें और इसका सेवन दिन में तीन बार कम से कम जरूर करें। ऐसा करने से आपको काली खांसी बहुत ही जल्दी आराम मिल जाएगा। आप चाहें तो लहसुन के तेल से शरीर की मालिश कर सकते हैं।
अमरूद का प्रयोग
काली खांसी यानि की कुकर खांसी को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में अमरूद को एक कारगर औषधि माना है। राख में एक अमरूद को रखकर उसे अच्छी तरह से सेंक लें और इसका सेवन करें। इस उपाय को आप दिन में दो बार करें। नियमित यदि आप इस अचूक उपाय को करते हैं तो काली खांसी जड़ से खत्म हो जाएगी।

Saturday, May 27, 2017

सूर्य नमस्कार क्या है |What is Surya Namaskar in hindi justgoyaar

सूर्य नमस्कार प्रातःकाल खाली पेट करना उचित होता है। आइए अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के इन सरल और प्रभावी आसनों को आरंभ करें।
प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में १२ आसनों के दो क्रम होते हैं I १२ योग आसन सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूर्ण करते हैं| सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वो ही क्रम दोहराना होता है, अपितु केवल दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होगा (नीचे चौथे और नवें पद में इसका विवरण दिया गया है)| सूर्य नमस्कार के विभिन्न प्रारूप पाए जाते हैं, हालाँकि बेहतर यही है कि किसी एक ही प्रारूप का अनुसरण करें और उसी के नियमित अभ्यास से उत्तम परिणाम पाएँ।
अच्छे स्वास्थ्य के अतिरिक्त सूर्य नमस्कार धरती पर जीवन के संरक्षण के लिए हमें सूर्य के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी देता है। अगले 10 दिनों के लिए अपना दिन, मन में सूर्य की ऊर्जा के प्रति आभार और कृपा का भाव रखकर प्रारंभ करें।
१२ सूर्य नमस्कार और दूसरे योग आसनों (Yoga asana) को करने पश्चात योग निद्रा में पूर्ण विश्राम अवश्य करें। आप पाएँगे कि यह आपके चुस्त दुरुस्त, प्रसन्न और शांत रहने का मंत्र बन गया है; एक मंत्र जिस का प्रभाव दिन भर आप के साथ रहेगा I सूर्य नमस्कार – एक पूर्ण यौगिक व्यायाम| 

सूर्य नमस्कार के १२ आसन | 12 Steps of Surya Namaskar in Hindi:

  1. प्रणाम आसन | Prayer pose
  2. हस्तउत्तानासन |Raised Arms pose
  3. हस्तपाद आसन |Hand to Foot pose
  4. अश्व संचालन आसन | Equestrian pose
  5. दंडासन |Dandasana (Stick pose)
  6. अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskara (Salute With Eight Parts Or Points)
  7. भुजंग आसन |Bhujangasana (Cobra pose)
  8. पर्वत आसन | Parvatasana (Mountain pose)
  9. अश्वसंचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana (Equestrian pose)
  10. हस्तपाद आसन | Hasta Padasana (Hand to Foot pose)
  11. हस्तउत्थान आसन | Hastauttanasana (Raised Arms pose)
  12. ताड़ासन | Tadasana  

6 टिप्स वजन घटाने के लिए | 6 Weight loss tips in Hindi ayurveda in hindi justgo

 | 6 Weight loss tips in Hindi

  1. मोटापा घटाने के लिए आपको अस्सी प्रतिशत खानपान पर और बीस प्रतिशत योगाभ्यास पर ध्यान देना होगा| कोशिश करें की आप अपना वजन और चर्बी दोनों घटा सकें|
  2. नियमित रूप से दृढ़ संकल्प के साथ योगाभ्यास करें |
  3. अपनी पाचन क्रिया को हर 2-3 घंटे में कम कम  मात्रा में हल्का खाना खा कर सक्रिय रखें| ऐसा करने से आपकी भूख शांत रहेगी|
  4. योगाभ्यास के प्रति दृढ़ संकल्प रखें| यह दृढ़ संकल्प आपको आपकी योगाभ्यास की प्रक्रिया में और अधिक गहरा उतरने में प्रेरित करेगा|
  5. अपने खाने पर शत प्रतिशत ध्यान दें| खाना पूरे ध्यान से चबा-चबा कर खाए| खाना खाते समय टीवी न देखें|
  6. अपने वजन घटाने की प्रक्रिया के लिए अनुशासित और नियमित रहे|

वजन घटाने की प्रक्रिया के बारे में जानिए | Tips for weight loss in Hindi

प्रक्रिया के प्रति अपने मन को केंद्रित रखें|

मोटापा घटाने के लिए जीवनशैली को ठीक रखना आवश्यक हैं| अधिकतर हम मोटापे का इलाज गोलियों और प्रचलित बोतलों में ढूंढते हैं| पर सच यही हैं की मोटापा घटाने का रहस्य कड़ी मेहनत और अनुशासित जीवनशैली में हैं| इसके लिए मन को मनाना आवश्यक हैं | मन से ही शरीर को स्वस्थ बनाने की शुरुआत हो सकती हैं| यदि आप यह पढ़ भी रहे हैं तो इसी का अर्थ हैं की आप मोटापा घटाने के लिए इछुक हैं|

समय पर करना क्यों आव्यशक है?

मोटापे को घटाने में उम्र का भी महत्त्वपूर्ण सम्बन्ध हैं| यदि आपकी उम्र कमहैं तो आप आसानी से वजन कम कर सकते हैं क्योंकि शरीर में लचीलापन अधिक होता हैं| तीस की उम्र पार करने के बाद मोटापा कम करना कठिन होता जाता हैं| यदि आपकी उम्र तीस के पार हैं  तो  आपको अपने खाने पीने पर ख़ास ध्यान देना होगा|
फैट कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन किसी भी भोजन के महत्त्वपूर्ण अंग हैं| आपके दिन भर के भोजन में इनका सही चुनाव आपको मोटापा कम करने के लक्ष्य में सहायक होगा| भारी कार्बोहायड्रेट और फैट नाश्ते के लिए तो उत्तम हैं पर रात के खाने में नहीं|
अपने आहार पर थोड़ा सा ध्यान देकर आप यह जान सकते हैं की आपके भोजन में पोषक तत्त्व कहाँ से आ रहे हैं| याद रहे कि आप अपने खाने की हर एक चीज़ को अच्छे से परख रहे हैं| ऐसा करने से आपको पता रहेगा की आप पूरे दिन में कौनसी चीज़ों का सेवन कर रहे हैं| वजन घटाने के लिए अपने भोजन के प्रति जागरूकता आव्यशक है| आप जितना खाने-पीने के बारे में जानकारी रखेंगे, उतना आपके लिए अच्छा है|

वजन घटाने की प्रक्रिया को थोड़ा और अधिक आनंदमई बनाएँ|

अपने वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने आपको निरंतर प्रेरित करते रहे| आपने अपने लिए जो लघु-लक्ष्य रखें हैं उन पर अपना ध्यान केन्द्रिरत रखें| अपने आहार पर भी पूरा ध्यान दें| नियमित रूप से योगाभ्यास करने के साथ-साथ निमंलिखित प्रक्रिया को भी अपने सप्ताहांत का हिस्सा बनाएँ|
  • दोस्तों के साथ घूमने के लिए कोई भी प्राकर्तिक स्थान को चुनें| प्रकृति के साथ रहना आवश्यक हैं क्योंकि यह आपको तनावमुक्त और रोज की दिनचर्या से आजाद महसूस करवाएगा| प्राकर्तिक स्थानों पर चहलकदमी आपको मोटापा घटाने में भी मदद करेगी|
  • समुद्र तटों पर अथवा नदी के घाटों पर घूमने पर छुट्टियों की योजना बनाये| खूब पैदल चलें और उत्साह के साथ मोटापा आसानी से कम करें|
  • क्या आपको साइकिलिंग पसंद हैं? यह एक सबसे नया प्रचलन है| बचपन की तरह साइकिलिंग शुरू करें
यदि आप सही आहार और नियमित योगाभ्यास का ध्यान रखेंगे तो आप आसानी से वजन घटा सकते हैं| आर्ट ऑफ़ लिविंग के कोर्स श्री श्री योग में यह सभी चीजें अच्छे से सिखाई जाती हैं|
 क्या आप शारीरिक अथवा मानसिक तनाव से मुक्ति चाहते हैं? क्या आप अपने आपको और अधिक स्वस्थ, आनंदपूर्ण और तनाव मुक्त चाहते  हैं?

Friday, May 26, 2017

पत्तागोभी : एक लाजवाब औषधि justgoyaar.

पायरिया : पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम नित्य खाने से पायरिया व दांतों के अन्य रोगों में लाभ होता है।

बाल गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते प्रतिदिन खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं।

घाव : इसका रस पीने से घाव ठीक होते हैं। इसके रस का आधा गिलास 5 बार पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर इसके रस की पट्टी बांधें।

परिणाम शूल : करमकल्ले का रस पीने से यह रोग ठीक हो जाता है। एक-एक कप तीन बार पिएं। इसके कच्चे पत्ते भी खा सकते हैं। इसका ताजा रस ही लाभ करता है, यह कम से कम दो सप्ताह पिएं।

Thursday, May 25, 2017

हरा धनिया, सेहत के लिए बढ़िया ayurveda tips in hindi

इसके उपयोग से शरीर को फायदे होते हैं। हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। हरा धनिया के साथ खास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को आराम देती है। 

इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है। शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है। ताजा हरा धनिया व हरी मिर्च की चटनी उत्तरांचल में बहुत प्रसिद्ध है। इसका उपयोग मेहमान नवाजी में खासतौर पर किया जाता है। 

गुजराती लोग खासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन और गुड़ मिलाकर इस चटनी का उपयोग करते हैं। धानिवाला कोरमा हरे धनिए के कारण ही कश्मीर में मशहूर है। 

मध्यप्रदेश में गर्मी के दिनों में खास कर हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर चटनी बनाई जाती है। जो दाल-बाटी या सादे भोजन के साथ भी बनाई जाती है। घर पर पानीपुरी बनाने-खाने वाले लोग भी हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले वाला पानी तैयार करते हैं। 

जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचनशक्ति को ठीक करने का काम करता है। 

हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर उपयोग किया जाता है। माँस को ताजा बनाए रखने के लिए भी हरे धनिए का इस्तेमाल किया जाता है।